प्रदेश की ग्रामीण सड़कें भी होंगी सुरक्षित। लगाए जा रहे हैं क्रैश बैरियर।

आए दिन प्रदेश में अलग-अलग सड़क दुर्घटनाओं में कई सारे लोगों की जान चली जाती है। सड़क सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने फैसला किया है कि बिहार के ग्रामीण सड़कों पर भी क्रैश बैरियर लगाया जाएंगे। को बता देंगे क्रैश बैरियर रेलिंग जैसा एक लोहे का स्ट्रक्चर होता है जो गाड़ियों को सड़क से नीचे गड्ढे में जाने या पेड़ से टकराने में रोकता है।

केंद्र सरकार के निर्देश के बाद प्रदेशभर के नेशनल हाईवे और स्टेट हाईवे के किनारे क्रैश बैरियर लगाया जा चुका है बाकी बचे सड़कों पर लगाया जा रहा है।
ऐसे में परिवहन विभाग के साथ पिछले माह हुई अन्य विभागों की बैठक में यह निर्णय लिया गया है कि जल्द- से- जल्द ग्रामीण सड़कों पर भी क्रैश बैरियर लगाने का काम को पूरा कर लिया जाये।

परिवहन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक पिछले महीने हुई समीक्षा बैठक में पाया गया है कि भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के तहत नेशनल नेशनल हाइवे पर 2680 किमी सड़कों में 399 किलोमीटर सड़क दुर्घटना के लिए संवेदनशील है।इसमें से लगभग 300 किमी में क्रैश बैरियर लगाया जा चुका है,जबकि 100 किलोमीटर में क्रैश बैरियर लगाने का काम जारी है।

वहीं पथ निर्माण विभाग के अधीन 2686 किलोमीटर सड़कों में से 937 स्थानों को सड़क दुर्घटना के लिहाज से खतरनाक माना गया है। इसमें अब तक 700 से अधिक स्थानों पर क्रैश बैरियर लग चुके हैं, जबकि अन्य 200 स्थानों पर क्रैश बैरियर लगाने का काम चल रहा है।

राज्य में सबसे ज्यादा मौत 59% नेशनल हाईवे पर होती है। स्टेट हाईवे पर 21% तथा बाकी 30% अन्य ग्रामीण सड़कों पर होती है।
इस लिहाज से ग्रामीण सड़कों पर भी क्रैश बैरियर लगाने के बाद दुर्घटनाओं में कमी आएगी।