लोकसभा में 127 वां संविधान संशोधन बिल पास। बिहार की चार जातियों को हो सकता है फायदा।

केंद्र सरकार ने सोमवार को लोकसभा में 127 वां संविधान संशोधन बिल पास किया। इसके तहत अब वह सरकारों को ओबीसी लिस्ट की सूची बनाने का अधिकार दे रही है। इसमें कुछ पिछड़ी जाति इन रिजर्वेशन का पूरा हक नहीं मिल पाया है अब राज्य सरकार उनके आर्थिक और सामाजिक स्थिति को देखते हुए उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग समूह में शामिल कर सकती है।

इससे बिहार के 4 जातियों को खासा लाभ मिलेगा।
बिहार में गिरि, जागा, मल्लिक व सूर्यापुरी ये चार जातियां ऐसी हैं जिन्हें नये प्रावधान के तहत नयी उम्मीद की किरण दिख रही है। गिरि व जागा जाति पिछड़ा वर्ग की कैटेगरी में शामिल है। जबकि मल्लिक व सूर्यापुरी जाति को इस कैटेगरी में नहीं रखा गया है। मल्लिक जाति को पिछड़ा वर्ग में शामिल किया गया था लेकिन बाद में इन्हें सूची से बाहर कर दिया गया था। इन जातियों को अति पिछड़ा वर्ग में शामिल होने की उम्मीदें बढ़ेंगी।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. संजय अग्रवाल ने कहा कि इस विधेयक से अब राज्यों को ओबीसी का वर्गीकरण अपने हिसाब से करने का अवसर मिलेगा।
उन्होंने कहा कि है जो अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग कैटेगरी में आती है। शीर्ष अदालत ने यह निर्देश दिया है कि जातियों को इसी कैटेगरी में शामिल करने के लिए ओबीसी आयोग ही करेगा। लेकिन केंद्र सरकार की इस नई पहल के बाद अब राज्य सरकार है अपने तरीके से जातियों को अलग-अलग कैटेगरी में शामिल कर सकती हैं।

बता दें कि बिहार में 113 जातियां ओबीसी की सूची में शामिल है। जिसमें 113 जातियां अति पिछड़ा वर्ग व 31 जातियां पिछड़ा वर्ग के तहत आते हैं। राज्य आयोग वर्तमान में सक्रिय नहीं है। इसका पुनर्गठन नहीं किया गया है।

अतः अब नए संशोधन के तहत बिहार के पास अधिकार होगा कि वह किसी एक जाति के एक और सामाजिक स्तर को देखते हुए उसे उचित कैटेगरी में रिजर्वेशन दिला सके।