कोरोना महामारी की वजह से कई महीनों तक स्कूल बंद हो जाने के कारण बिहार के लाखों छात्रों की पढ़ाई बाधित हुई है। मार्च मार्च 2020 में शुरू हुए कोरोना के बाद से स्कूल लगातार बंद थे बीच एक-दो महीनों के लिए खोले गए थे। सरकार ने निर्णय लिया है कि कैच अप कोर्स करा करके इनकी पढ़ाई को पूरा किया जाएगा। प्रदेश के लगभग 80 हजार प्राथमिक, मध्य और उच्च विद्यालयों में कैच अप कोर्स शुरू किया जाएगा जिससे 1.66 करोड़ बच्चों को लाभ मिलेगा।
यूं कहें कि कैचअप कोर्स के माध्यम से विद्यार्थियों की बाधित पढ़ाई की भरपाई की जाएगी, ताकि प्रोन्नत कक्षाओं में नये पाठ्य-पुस्तकों से पढ़ाई में आसानी हो। साथ ही, पढ़ाई में कमजोर बच्चों पर खास फोकस होगा। इसमें शिक्षकों से लेकर प्रधानाध्यापक तक की अहम जिम्मेदारी होगी। ऐसे बच्चों के लिए अतिरिक्त कक्षाएं भी चलेंगी। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव संजय कुमार ने बताया कि बिहार शिक्षा परियोजना परिषद ने बच्चों को कैचअप कोर्स पढ़ाने की योजना बनाई है।
के लिए जिला शिक्षा पदाधिकारी और जिला कार्यक्रम पदाधिकारी से लगातार बैठक की जा रही है। भारत 13 अगस्त को बैठक के बाद प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिए जाएंगे। 13-14 अगस्त को माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालयों के प्रधानों की तथा 16-18 अगस्त को प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों के प्रधानों की बैठक जिला स्तर पर होगी।
सभी विद्यालयों में विद्यार्थियों की उपस्थिति रहे, इस बात को ध्यान में रख सभी स्कूलों में चेतना सत्र, बाल संसद व मीना मंच की व्यवस्था अनिवार्य की गई है। वर्ग तीन से पांच तक दक्षता के आधार पर समूह शिक्षण एवं समूह निर्माण की व्यवस्था की जा रही है। 16 अगस्त से प्रारंभिक विद्यालयों में पहली से आठवीं कक्षा के बच्चों की पढ़ाई भी 50 फीसद उपस्थिति के साथ शुरू होगी।
इसके साथ ही पोशाक राशि के लिए 75% उपस्थिति की बाध्यता को भी फिलहाल के लिए रोका जा रहा है।