बिहार के शिक्षकों को मिलेगी मिड डे मील के संचालन से मुक्ति। अक्षय पात्र फाउंडेशन संभालेगा मध्यान भोजन योजना की जिम्मेवारी।

प्रदेश के शिक्षकों को अब जल्द ही मिड डे मील योजना के संचालन से मुक्ति मिल सकेगी। पायलट प्रोजेक्ट के तहत इस योजना पर काम किया जा रहा है, ताकि शिक्षकों का सारा ध्यान शिक्षण के कार्य पर केंद्रित हो और मध्यान भोजन योजना की जिम्मेवारी किसी थर्ड पार्टी के द्वारा पूरी कराई जाए।

प्रदेश के 72000 प्राथमिक विद्यालयों के करोड़ 70 लाख बच्चों खानपान की जिम्मेवारी अब अक्षय पात्र फाउंडेशन संभालेगा। मिड डे मील योजना की कमियों को दूर करने के लिए तथा शिक्षकों को इससे अलग रखने के लिए अक्षय पात्र रसोई शुरू किया जा रहा है।

मध्याह्न भोजन योजना के संचालन में तकरीबन 3.25 लाख शिक्षकों के जुड़े रहने से पढ शिक्षण कार्य बाधित हो रही है। अक्षय पात्र रसोई लागू होने से मध्याह्न भोजन से जुड़े शिक्षकों को अलग किया जाएगा ताकि उनका फोकस शिक्षण कार्य और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर सुनिश्चित हो सके, जबकि बच्चों के लिए बेहतर भोजन और पौष्टिक नाश्ता अक्षय पात्र रसोई संभालेगी।

इस फाउंडेशन द्वारा फिलहाल देश में उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, ओडिशा, तेलंगाना और तमिलनाडु में अक्षय पात्र रसोई का संचालन किया जा रहा है। रसोई में एक्सपर्ट कुक के साथ-साथ साफ-सफाई, शुद्ध मसाले और सब्जियों का विशेष ध्यान रखा जाता है।

पटना जिले में अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत इसे चलाया जा रहा है। मानकों पर खरा उतरने के बाद इसे प्रदेश के सभी जिलों में जिम्मेवारी दे दी जाएगी।