बाढ़ पीड़ितों ने केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय से मांगी रोटी। मंत्री जी बोले- यह संभव नहीं।

प्रदेश के कई जिले अभी बाढ़ से पूरी तरह त्रस्त। कई गांव डूब चुके हैं। लोगों ने अपना घर बार छोड़कर के राहत शिविरों में शरण ली है। सामुदायिक रसोई के द्वारा उन्हें खाना उपलब्ध कराया जा रहा है। राघोपुर क्षेत्र में भी बाढ़ का व्यापक असर दिख रहा है। राघोपुर का तेरसिया पूरी तरह से डूब चुका है और लोग राहत शिविरों में रह रहे हैं।

इसी बीच केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचे। तेरसिया पहुंचने पर उन्होंने बाढ़ पीड़ितों के बीच जाकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इसी बीच यहां लोगों ने मंत्री को घेर लिया और व्यवस्था को लेकर शिकायत करने लगे। लोगों की शिकायत थी कि सरकार से कहकर छोटे बच्चों के लिए रोटी का इंतजाम कराया जाए लेकिन मंत्री ने कह दिया कि सरकार के लिए रोटी का इंतजाम कराना संभव नहीं है।
जब मंत्री श्री नित्यानंद राय लोगों की समस्याएं सुन रहे थे उनके सुरक्षाकर्मी लोगों को वीडियो बनाने से रोक रहे थे। लोगों का यह कहना था कि हमें यहां पर दोनों टाइम खाना तो मिल रहा है। भतार 10 दिनों से केवल चावल मिलने से छोटे-छोटे बच्चे बीमार पड़ गए। छोटे बच्चों को रोटी की आवश्यकता होती है। इससे बड़ा और मौसम से जूझ रहे लोगों को और भी काफी परेशानी हो रही है जब छोटे बच्चे बीमार पड़ जा रहे हैं।

आपको बता दें कि बता दें कि केंद्रीय मंत्री पटना से समस्तीपुर के लिए जा रहे थे। एनएच किनारे बाढ़ प्रभावित लोगों को देखकर वे रुके तो लोगों ने उन्हें अपनी समस्या बतानी शुरू कर दीं। कैंप में मौजूद इला ने मीडिया को बताया कि हमें यहां 10 दिन से सिर्फ चावल दिया जा रहा है जिससे बच्चों की तबीयत खराब हो रही है। हम तो बड़े हैं हम किसी तरह से खा पी लेते हैं लेकिन छोटे बच्चों को लगातार चावल देने से उनकी तबियत खराब हो जाती है ।ऊपर से बरसात का मौसम है। उधर प्रशाशन का यह तर्क है कि इतने लोगों को रोटी मुहैया कराना तो संभव नहीं है।