लोक जनशक्ति पार्टी में अलग-थलग हुए चिराग पासवान जल्द ही अपने पिता रामविलास पासवान के बंगले से भी बेदखल होंगे। इसको लेकर उन्हें हाउसिंग मिनिस्ट्री की तरफ से नोटिस भेजा जा चुका है। अभी तक वे अपनी माता जी के साथ, अपने पिता के नाम से एलॉट किए गए इसी बंगले में रह रहे थे। लेकिन अब हाउसिंग मिनिस्ट्री के डायरेक्टोरेट ऑफ एस्टेट्स ने उन्हें 12 जनपथ स्थित बंगले को खाली करने का नोटिस भेजा है।
सूत्रों ने बताया है कि उनकी माताजी को इस बाबत नोटिस भेजा गया था और 14 जुलाई को ही आदेश पारित कर दिया गया था। आपको बता दें कि यह बंगला लुटियन दिल्ली में बने सरकारी बंगलों में सबसे बड़े आवासों में से एक है। यह बंगला लोक जनशक्ति पार्टी का आधिकारिक पता भी रहा है। इसे रामविलास पासवान पार्टी कार्यालय के तौर पर भी इस्तेमाल करते आए थे।
उनके निधन के बाद चिराग पासवान और अन्य परिजन अभी इसी बंगले में रह रहे थे। इसी बंगले में रामविलास पासवान ने अपना और चिराग पासवान का दफ्तर भी बना रखा था। चिराग पासवान इसे खाली करने के लिए कुछ वक्त मांगा है।
हाउसिंग मिनिस्ट्री ने अब इस बंगले को पशुपति कुमार पारस के नाम से एलॉट करने का फैसला किया था। लेकिन पशुपति कुमार पारस ने इसमें शिफ्ट होने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि इससे राजनीतिक रूप से गलत संदेश जाएगा।
गौरतलब हो कि पशुपति कुमार पारस अन्य चार सांसदों के साथ अपने पार्टी में एक अलग गुट बना चुके हैं। चिराग पासवान को इसे बेदखल कर दिया गया है। और जल्द ही अब वे सरकारी बंगले से भी बेदखल होंगे।
हालांकि सांसद के रूप में अलॉट किया गया चिराग पासवान का एक बंगला दिल्ली में अभी भी है।