वाह रे बिहार पुलिस… मोबाइल दुकानदार को दारोगा व सिपाही ने बेरहमी से पीटा, सिर फोड़ा; NDPS एक्ट में भेजा जेल

मुजफ्फरपुर जिले के बैरिया में मोबाइल दुकानदार अनिल कुमार को गांजा के आरोप में पकड़कर दारोगा और दो सिपाहियों ने बेरहमी से पीटा। उसका सिर फोड़ दिया। इसके बाद एनडीपीएस एक्ट में जेल भी भेज दिया। उसके बयान पर अहियापुर थाने में दारोगा नीरज गांधी उर्फ नीरज कुमार और दोनों सिपाहियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। दारोगा आरोपित होने के बावजूद अहियापुर में तैनात है।

जेल में शनिवार को हाईकोर्ट के निरीक्षी जज राजीव रंजन प्रसाद ने निरीक्षण किया था। इस दौरान घायल बंदी को देख उन्होंने कारण पूछा। औराई के बसुआ निवासी अनिल कुमार ने निरीक्षी न्यायाधीश, एसएसपी जयंतकांत व अन्य तमाम अधिकारियों को बताया कि अहियापुर थाने के दारोगा नीरज गांधी सिपाहियों के साथ उनकी दुकान पर बीते नौ दिसंबर को पहुंचे। कहने लगे कि दुकान में गांजा-स्मैक बेचता है। इसपर अनिल ने जवाब दिया कि गांजा-स्मैक नहीं मोबाइल बेचता हूं। दुकान की तलाशी ले लीजिए। इस तरह दारोगा व सिपाही दुकान में घुसे और दो पुड़िया गांजा हाथ में लेकर निकले। बोलने लगे कि दुकान में मिला है।

अनिल ने निरीक्षी न्यायाधीश को बताया कि दारोगा को मिला गांजा दुकान में कैसे पहुंचा, इस बारे में पता नहीं है। दारोगा कॉलर पकड़कर दुकान से घसीटते बैरिया बस स्टैंड के ओपी में ले गया। वहां लाठी-डंडे से बेरहमी से पीटने लगा। उसका सिर फट गया। लहूलुहान स्थिति में अहियापुर थाने लाया गया। वहां भी पीटा जा रहा था। तब मां बड़ा बाबू के पास पहुंचकर नहीं मारने की गुहार लगाई। बड़ा बाबू ने मां से कहा कि थाने से भाग जाओ नहीं तो तुमको भी मारेंगे। अनिल ने निरीक्षी न्यायाधीश को बताया कि पुलिस ने उसे झूठा केस बनाकर जेल भेज दिया। निरीक्षी न्यायाधीश के आदेश पर दारोगा व दोनों सिपाहियों पर एफआईआर दर्ज की गई।

दारोगा ने केस में लिखा-पोल में टकराने से सिर में लगी चोट
अहियापुर थाने के दारोगा नीरज कुमार ने अनिल की गिरफ्तारी का केस बनाया है। इसमें उसका कहना है कि वह वाहन जांच कर रहा था। इसी दौरान अनिल पुलिस को देखकर भागना चाहा। उसे पकड़ लिया गया। उसकी तलाशी लेने पर पॉकेट से दो पैकेट गांजा मिला। इसका वजन 150 ग्राम है। साथ ही लिखा है कि अनिल पोल से टकरा गया था जिससे उसके सिर में चोट लग गई।