हमारे देश में हर साल लाखों की संख्या में अभ्यर्थी यूपीएससी जैसे कठिन परीक्षा का एग्जाम देते हैं लेकिन इसमें पास में कुछ अभ्यर्थी हो पाते हैं. आपको बता दें कि यह बहुत ही कठिन परीक्षा है जिसको पास करना इतना आसान नहीं है.
लेकिन कुछ ऐसे अभ्यर्थी भी होते हैं जो गरीबी का सामना करते हुए 20 कटिंग परीक्षा को पास कर दिखाते हैं. कुछ ऐसे अभ्यर्थी होते हैं जो मुश्किलों के आने के बाद भी हार नहीं मानते.
आज हम आपको एक ऐसे व्यक्ति कहानी बताने वाले हैं जिसने कई मुश्किलों का सामना किया लेकिन कभी भी हार नहीं माना. उनका बचपन तो जिम्मेदारियां निभाते हुए बेटा लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और अपने सपने को पूरा करने के लिए लगातार कोशिश करते रहे. आज हम आपको बताने वाले हैं कैसे एक जूता बेचने वाला लड़का आईएएस बन गया.
आईएएस शुभम गुप्ता की प्रारंभिक पढ़ाई जयपुर राजस्थान से हुई और काम के सिलसिले में उनके पिता महाराष्ट्र में रहे. बता दें कि शुभम के पिता महाराष्ट्र छोटे से गांव दहानू रोड पर रहने लगे और वही एक छोटी सी दुकान खोली आर्थिक तंगी के कारण शुभम भी दुकान चलाने लगा क्योंकि उसका भाई कृष्ण आईआईटी की तैयारी के लिए घर से दूर रहता था.
शुभम स्कूल से आने के बाद 4:00 बजे दुकान पर पहुंच जाते थे और रात तक वही रहते थे यहीं पर समय निकालकर वह अपनी पढ़ाई करते थे. क्लास आठवीं से लेकर 12वीं तक उन्होंने ऐसे ही जिंदगी जी और अपने दुकान के साथ पढ़ाई करते रहे.
इस वजह से ना उनके अधिक दोस्त बने ना ही उन्होंने कभी गेम खेला क्योंकि उनके पास इन सब चीजों के लिए टाइम नहीं था. दिल्ली से बीकॉम और एम काम करने के बाद उन्होंने सिविल सेवा में जाने का मन बनाया उसके बाद पिता का सहयोग मिला आपको बता दें कि पिता के सपने को पूरा करने के लिए शुभम ने मुश्किलों का सामना करते हुए भी या परीक्षा पास किया.