हमारे देश में हर साल लाखों की संख्या में बच्चे यूपीएससी की परीक्षा देते हैं लेकिन उनमें से कुछ ही बच्चे होते हैं जो यूपीएससी जैसे कठिन एग्जाम को पास कर लेते हैं. आज भी भारत के कई ऐसे राज्य हैं जहां महिलाएं रूढ़िवादी सोच के तले दबी हुई है और इन रूढ़िवादी सोच से निकलकर उनके लिए कोई बड़ा सपना पूरा करना काफी मुश्किल होता है.
आज मैं आपको एक ऐसे दबंग महिला आईपीएस ऑफिसर की कहानी बताने वाले हैं जो कि रूढ़िवादी सोच को तोड़कर अपने ऑफिसर बनने का सफर तय कर ली.
आपको बता दें कि इस महिला आईपीएस ऑफिसर का नाम मंजरी जरूहर है। दबंग लेडी महिला आईपीएस ऑफिसर कहा जाता है और इस महिला आईपीएस ऑफिसर ने अपने करियर में खूब नाम कमाया है।
19 साल में हो गई थी शादी
जैसे हमारे समाज में लड़कियों को बचपन से ही एक अच्छी गृहणी बनने की शिक्षा दी जाती है उसी तरह इन्हें भी घर का काम सिखाना शुरू कर दिया गया था. वहीं, स्कूल में भी भी कढ़ाई-बुनाई सिखाई जाती थी और घर पर मां घर का काम और खाना बनाना सिखाती थी. इसके बाद 19 साल में उनकी शादी कर दी गई थी, लेकिन उनका रिश्ता लंबा नहीं चला, क्योंकि किस्मत को कुछ और ही मंजूर था. वहीं, शादी टूटने के बाद मंजरी ने खुद को किसी पर निर्भर न होते हुए खुद को संभालने का फैसला लिया.
मंजरी जरुहर ने बताया कि उनके घर में कई IAS और IPS अफसर थे, जिनकों परिवार में बड़ा मान-सम्मान मिलता था और उनका एक रुतबा होता था. वहीं उन्हें देख मंजूरी ने ठान लिया कि वह एक IPS बनेंगी.
देश की पहली 5 महिला IPS में से एक हैं मंजरी जरुहर
इसके चलते ही वह दिल्ली आ गई और यहां आकर उन्होंने एक कोचिंग सेंटर में पढ़ने लगी. इसके बाद 1976 में मेहनत और लगन रंग लाई और सिविल सेवा प्रवेश परीक्षा पास की. वहीं, मंजरी जरुहर बिहार की पहली महिला IPS और देश की पहली 5 महिला IPS अधिकारियों में से एक थीं. रिटायरमेंट के बाद बिहार की पहली महिला IPS मंजरी जरुहर ने लिखना शुरू किया और इनकी एक किताब पब्लिश भी हो चुकी है.
आपको बता दें कि मंजरी लगातार मेहनत कर रही थी और साल 1976 में वह यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा ट्रैक करने में कामयाब रही। इस तरह मंजरी बिहार की पहली महिला आईपीएस ऑफिसर बनने का गौरव हासिल कर ले इतना ही नहीं वह भारत की 5 महिला आईपीएस अधिकारियों में से भी एक थी ।